राजस्थान के नागौर जिले के छोटी खाटू नामक ग्राम में स्व. कुन्दनमल जी जोशी एवं स्व. हुलास देवी के पुत्र स्व. बस्तीमल जी जोशी एवं स्व. यशोदा देवी के घर पर दिनांक 27 मार्च 1936 को एक नन्हे बालक का जन्म हुआ | बन्शिवाला (कृष्ण) भक्त स्व. कुन्दनमल जी जोशी ने अपने इस लाडले पोते का नाम बनवारी रखा गया | बाल्यकाल से ही नन्हे बनवारी पर माँ शारदा की विशेष कृपा रही है | प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर स्कॉटिश चर्च कॉलेज, कलकत्ता से स्नातक की उपाधि ली | कलकत्ता विशविधालय के यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज से कानून पढ़ते हुए पुलिस सेवा में चयनित हो जाने पर पुलिस से आपने अपना केरियर शुरू किया |
9 दिसम्बर 1953 को आपका विवाह सीकर निवासी श्री भंवरलाल पुरोहित की सुपुत्री एवं श्री राजेंद्र पारीक, एम्.एल.ए (जिन्होंने राजस्थान सरकार में विभिन्न मंत्री पद पर अपनी सेवाए दी, जैसे उद्योग मंत्री , सार्वजनिक उपक्रम , आर्थिक एवं सांख्यिकी , आबकारी , अनिवासी भारतीय एवं खान) की लाडली बहन संतोष के साथ संपन्न हुआ | वक्त के साथ-साथ आपको एक पुत्र एवं दो पुत्रियाँ के माता पिता बनने का गौरव प्राप्त हुआ | पुत्र डा. श्री चन्द्र शेखर जोशी (FRCS) जो बोस्टन (अमेरिका) में सीनियर डॉक्टर के रूप में कार्यरत है | पुत्री श्रीमती अनुराधा पारीक (BE) जो की फ्रेमोंट (अमेरिका) में कंप्यूटर इंजिनियर है और सिलिकॉन वेल्ली, केलिफोर्निया (अमेरिका) में उनका अपना व्यवसाय है | दूसरी पुत्री श्रीमती प्रीती रे (MBA), (MSBA – बोस्टन यूनिवर्सिटी) भी सिलिकॉन वेल्ली, केलिफोर्निया (अमेरिका) में सॉफ्टवेर इंजिनियर के रूप में कार्यरत है |
सन 1962 में श्री जोशी का चयन भारत सरकार के गृह मंत्रालय में हो गया जहाँ इन्हें इंटरपोल, जालसाजी के मामलात, नारकोटिक्स, औद्योगिक सुरक्षा, संयुक्त राष्ट्र सुधारक कार्य और बाल अपराध के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का अवसर मिला |
लम्बे सेवाकाल में श्री जोशी अनेको प्रशासनिक ओहदों पर कार्यरत रहे जिनमे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री लाल बहादुर शास्त्री एवं स्व. श्रीमती इंदिरा गाँधी के साथ आपने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को अपनी विशिष्ठ सेवाए दी | विदेश मंत्रालय में कार्यरत
रहकर श्री जोशी ने इस्लामाबाद (पाकिस्तान) एवं लन्दन (इंग्लैंड) के भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव के पद की ज़िम्मेवारी निभाई और वाशिंगटन डीसी (अमेरिका) में भारतीय राज. दूतावास में चांसरी के प्रमुख के रूप में चार वर्षो तक अपनी सेवाए दी |
प्रारंभ से ही गंभीर और स्वच्छ छवि के कारण श्री जोशी ने हर पद पर सम्मान एवं प्रसंशा ही अर्जित की | सन 1991 में भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर इन्होने पूरा समय समाज सेवा को समर्पित कर दिया |
सन 1993 में श्री जोशी ने अमेरिका का रुख किया और वहाँ उन्होंने दो अमेरिकी सॉफ्टवेर कंपनीयो में काम किया और कैलिफ़ोर्निया के एक एनजीओ में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य करते हुए अनेको योग्य एवं जरूरतमंद भारतीय प्रतिभाओ की स्कालरशिप के माध्यम से मदद की | मार्च 2000 में स्वेदेश वापसी के बाद आपको राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य का कार्यभार सोंपा गया जो पद उच्च न्यायलय के न्यायधीश के समकक्ष होता है | इस गरिमामय पद पर इन्होने चार वर्ष तक अपनी सेवाए देश को दी |
आपको 9 जून 2004 में दिल्ली के 18वे लेफ्टिनेंट गवर्नर का महत्वपूर्ण कार्यभार सोंपा गया | अप्रेल 2007 में आपको मेघालय एवं बाद में उत्तराखण्ड के राज्यपाल की महती ज़िम्मेवारी सोंपी गई | 28 जुलाई 2009 को आपने भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर-प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण की | राज्यपाल रहते हुए हर प्रदेश में श्री जोशी ने अपनी कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता की छाप छोड़ी | 17 जून 2014 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद से स्वेच्छा से इस्तीफा देकर पुन: समाज की सेवा में लग गए |
आपने भारत और विदेशों में बड़े पैमाने पर यात्रायें की है। 79 वर्ष के यह युवा उम्र के इस पड़ाव पर भी सामाजिक कार्यों में गहरी रूचि रखते हैं एवं कई सामाजिक संघठानो के साथ सक्रियता से जुड़े हुए है | श्री जोशी पर समस्त पारीक समाज को गर्व है |