पवन पारीक (नोखा)

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दिनांक 19 मार्च 1974, मंगलवार का शुभदिन जिसने पारीक समाज के स्वर्णमिक इतिहास में एक ऐसी मणि जोड़ी जिसकी मिशाल आनेवाली पीढियां देती रहेंगी | भारतवर्ष की पावन भूमि पर राजस्थान के बीकानेर जिले में छोटे से गाँव नापासर में एक बालक का जन्म हुआ | छोटी कद-काठी के घुगराले बालो वाले इस बालक की मन्द-मन्द मुस्कान देखते ही बनती थी | गुलाबी छोटे होटो पर यह मुस्कान सभी का ध्यान आकर्षित करने के लिए काफी थी | काकड़ा निवासी स्व. गिरधारीमल पुरोहित एवं स्व. रामप्यारी पुरोहित के सुपुत्र नोखा निवासी श्री बजरंगलाल पुरोहित की धर्मपत्नी श्रीमती काशी देवी पुरोहित ने प्रथम संतान को अपने पीहर नापासर ग्राम में अपने पिता पण्डित स्व. नरशी प्रशाद जोशी एवं स्व. सुटि देवी जोशी के आँगन में जन्म दीया | विलक्ष्ण प्रतिभा के इस बालक का नाना ने नामकरण संस्कार संपन्न किया | नाना संस्कृत के विद्वान पण्डित एवं भविष्यद्रष्टा भी थे | उन्होंने बालक के भविष्य को देखते हुए ही बालक को “पवन” नाम दीया | समय के साथ चंचल पवन भी और बालको की तरह खेलने कूदने में रूचि रखने लगे | नोखा से स्कुल शिक्षा संपन्न कर पवन ने एम्. ए. तक की उच्च शिक्षा भी नोखा में रहकर पूरी की | बचपन से ही सब को साथ लेकर चलने की प्रतिभा के धनि इस बालक ने नोखा में अपनी विशेष पहचान बना ली | गाँव के प्रबुद्ध व्यक्तियों ने इनकी प्रतिभा का सम्मान करते हुए इनके नेत्रित्व में सामाजिक कार्यो को संपन्न करने की ठानी | अपने बेमिशाल नेत्रित्व क्षमता से उन्होंने समस्त गाँव का दिल जित लिया | आप नोखा के सबसे कम उम्र के नगरपालिका में निर्माण विकास कमेटी के सदस्य बने | 18 वर्ष की उम्र में युवा सेवा समिति के सचिव बने | सचिव बनने के दो वर्ष पश्च्यात महामंत्री बने | आपके मार्गदर्शन में युवा सेवा समिति द्वारा शल्य भ्रमणशील चिकत्सा इकाई, राजस्थान सरकार के बड़े चिकत्सा शिविर आयोजन, नोखा अस्पताल में भोजनालय खुलवाना तथा अनेको प्रकार के चिकत्सा शिविरों का निरंतर आयोजन करवाना इत्यादि कार्य किए गए | दिनांक 9 दिसम्बर 1997 को आपका विवाह लुधियाना निवासी श्रीमान ओम प्रकाश बोहरा एवं श्रीमती कमला बोहरा की सुकन्या सुश्री सुमन के साथ संपन्न हुआ | ईश्वर ने आप दोनों को पुत्री निकिता एवं पुत्र कार्तिक के माता पिता बनने का सोभाग्य दीया | सन 2002 में पारीक सभा नोखा के सचिव बने एवं  पारीक समाज की अनेकानेक गतिविधियाँ संचालित की | अपने नाम के ही भांति पवन ने कभी भी एक क्षेत्र को अपना ठिकाना नहीं बनाया | आपने हिंदुस्तान के सभी पारिकों को समाज से जोड़ने का दृढ़ संकल्प लिया एवं इसी क्रम में समस्त हिंदुस्तान का भ्रमण किया | जैसे-जैसे समय बिताता गया पवन समस्त भारतवर्ष के पारीक बंधुओ का लाडला बनता गया | अपने कठिन परीश्रम एवं सुझबुझ से आपने युवाओ और वरिष्ठ बंधुओ में ऐसा सामंजस्य स्थापित किया जिसकी व्याख्या करना कठिन ही नहीं अपितु असंभव है | चंचल पवन ने पत्रकारिता की शिक्षा भी प्राप्त की | लेखनी के माध्यम में आपने सामाजिक त्रुटियों को उजागर किया | सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कलम से युद्ध लड़ा और नोखा जनपक्ष नामक पाक्षिक पत्र को अपने सहयोगियों के साथ संचालित किया | 2006 में पारीक भवन नोखा के निर्माण एवं इसके भव्य उद्घाटन समारोह के बाद आपकी रास्ट्रीय स्तर पहचान बनी | 

एक सक्रीय कार्यकर्ता के रूप में सन 2007 में अखिल भारतवर्षीय पारीक सम्मलेन में भाग लेने दिल्ली आये | दिल्ली के कार्यक्रम का सफल आयोजन संपन्न करवाकर आपने यह जतादिया की यदि सारा समाज एकजुट हो जाए तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है | पारीक समाज के इतिहास में पहलीवार किसी एक आयोजन के माध्यम से लगभग 80 लाख रूपए की धनराशी एकत्र की गई | यहाँ आपके कार्यशेली से सभी स्तब्ध रह गए | आपके विचारों से समस्त समाज इतना प्रभवित हुआ की उन्होंने आपको दिल्ली का बना लिया | आपने अनेको ऐसे लोगो को सक्रीय समाजसेवा में जोड़ा जिन्होंने तन-मन-धन से सामाजिक कार्यो को पूरा किया | आज आपकी प्रेरणा से गौशालाओं का जीर्णोधार्य, गरीब बच्चो को छात्रवृति, गरीब एवं असहाय महिलाओ को सम्मानित जीवन, हिंदुस्तान में जगह-जगह पारीक भवन का निर्माणकार्य इत्यादि किये जा रहे है | आपने पारीक समाज के विभिन्न श्रेस्ठ पदों पर रहकर समाज की सेवा की | आप विभिन्न सामाजिक संस्थाओ से जुड़े हुए है जिनमे मुख्यत: महर्षि पराशर फाउंडेशन के जॉइंट ट्रस्टी इन्चार्ज , आल इंडिया पारीक महासभा के सचिव, विप्र फाउंडेशन के रास्ट्रीय सचिव, UNESCO राजस्थान के उपाध्यक्ष, विप्र शिक्षानिधि कोष के प्रवेकक्षक, विप्र फाउंडेशन जॉन 7-8 के प्रवेकक्षक, युवा सेवा समिति (यूथ-क्लब) नोखा के महासचिव (पिछले 22 वर्षो से लगातार) |

आपने न केवल सामाजिक क्षेत्र में अपनी कार्यशेली का लोहा मनवाया बल्कि ओद्योगिक क्षेत्र में भी आपने जो कीर्तिमान (रिकॉर्ड) स्थापित किए उनको तोडना किसी के बस में नहीं है | आपने अपने द्वारा बनाये गए कीर्तिमानों को बार-बार तोडा है | आपने सन 1996 में सहारा इंडिया एवं पोस्टऑफिस के साथ अपना व्यवसाय शुरू किया तथा कुछ ही समय में इन सभी क्षेत्रों में शीर्ष क्लब की सदस्यता लेकर सर्वोच्च व्यवसाय के आयाम छूने लगे एवं कई कीर्तिमान स्थापित किये | सन 2002-2005 तक सहारा इंडिया में भारत के सर्वोच्च 10 अभिकर्ताओ में आपका नाम रहा | सन 2006 से आप स्टेट बेंक लाइफ इन्सुरेंस से जुड़े तथा सन 2015 तक आपने इसमें सर्वोच्च क्लब की सदस्यता एम् डी क्लब रहते हुए चारवार टी.ओ.टी., एकवार सी.ओ.टी. तथा छ:वार एम्.डी.आर.टी. मीटिंग में भाग लिया | जीवन बिमा के इस विशाल कारोबार में आपने अभीतक 28 देशो में 50 बार से अधिक की विदेश यात्रायें की है | आपका यह क्रम निरंतर चलता ही जा रहा है | आपके सर्वोच्य व्यवसाय को देखते हुए एम्.डी.आर.टी. के एम्.सी.सी. क्लब (यु.एस.ए.) में आपको राजस्थान का एरिया चेयरपर्सन बना रखा है | इसके आलावा आप Aviva Coats Pvt. Ltd., Golden Dunes Infrastructures Pvt. Ltd. एवं Golden Era Capital Pvt. Ltd. में निदेशक के पद पर कार्यरत है | आपने बचपन से ही समाज सेवा को प्राथमिकता दी, कारोबार आपके लिए कभी भी प्राथमिक नहीं रहा | आपके द्वारा किये गए सामाजिक कार्यो का व्योरा लिखना तो गागर में सागर समाने जैसा होगा | ऐसे सपूत पाकर पारीक समाज गोरवान्वित हो रहा है | 

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